Pavitra Bijak : Pragya Bodh : Vipramatisi : 26

पवित्र बीजक : प्रग्या बोध : विप्रमतीसी : 26

विप्रमतीसी : 26

राक्षस करनी देव कहावै , बाद करे गोपाल न भावै ! 

शब्द अर्थ : 

राक्षस = शैतान , द्रुस्ट , हत्यारा ! करनी = कार्य ! कहावै = जाने जाते ! बाद = विवाद , वादविवाद !
गोपाल = गाय की रक्षा और पालन करने वाले मुलभारतिय ! न भावै = पसंद न करना ! 

प्रग्या बोध : 

परमात्मा कबीर इस विप्रमतीसी के दोहे मे विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्मी लोगोंके होम हवन मे गाय बैल घोडे की बली की आलोचना करते हुवे ब्राह्मण को दृष्ट राक्षस शैतान कहाते है क्यू की वे हत्यारे है रक्षक नही ! वे कृपालू नही है , शोषण करते है और खुद को उपर से देव कहते है ? ब्राह्मण हत्या के शिवाय क्या देते है ? दुख दर्द देते है वे देव नही कहे जा सकते है , वो तो लूटेरे है , हत्यारे है ! 

कबीर साहेब मुलभारतिय हिन्दूधर्म और विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म अलग अलग है बताते है और मुलभारतिय हिन्दूधर्म अहिंसा , गो रक्षा , गो सेवा मे विश्वास करते है ! विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राहणधर्म हत्या झूठ शोषण विषमाता आदी अनिती पर आधारित है विकृत है , धर्म कहने लायक नही ! 

धर्मविक्रमादित्य कबीरसत्व परमहंस 
दौलतराम 
जगतगुरू नरसिंह मुलभारती 
मुलभारतिय हिन्दूधर्म विश्वपीठ 
कल्याण , अखण्डहिन्दुस्तान , शिवशृष्टी

Comments

Popular posts from this blog

Nativist ! Poem

Caste based Politics is useless ! Nativist DD Raut

Brahmin Bhagavo , Desh Bachavo ! Nativist DD Raut