We are Mulbhartiya , Aboriginal People of this Nation ! Nativist DD Raut
हम है इस देश के मालिक। नेटिविस्ट राउत
लोग पंडितवादी कांग्रेस से तंग आगये थे , किसी गैर ब्राह्मण पार्टी को चाहते थे , बिच में बहुतसी गैर ब्राह्मण पार्टियों को वोट देकर गैर ब्राह्मण नेटिव लोगो ने उनको मजबूती भी दी थी। उस समय एक और ब्राह्मण पार्टी बीजेपी उभर रही थी जिसके नाम पर केवल २ सांसद थे जब वो जनसंघ नाम से जानी जाती थी। पंडित हटावो की मुहीम ताज हुवी , जनेऊ छोडो कहा गया, गैर ब्राह्मण पार्टिया बहुत सारे प्रदेशो में सत्ता में आये पर फिर विदेशी ब्राह्मण प्रेम ने उन्हें डुबो दिया। ये गैर ब्राह्मण पार्टिया फिर कांग्रेस , बीजेपी से गठबंधन करने लगी , बीजेपी ने इसका फायदा उठाया गैर ब्राह्मण लीडर्स , कार्यकर्तवो को ब्राह्मण बेटिया देकर फुसलाने लगे , बीजेपी ताकतवर हुवी , गैर ब्राह्मण पार्टिया कमजोर होती चली गयी। वोटर जो गैर ब्राह्मण थे सोचने लगे जब ये लोग बाद में ब्राह्मण ,पंडित से हाथ मिलते ही है तो सीधे सीधे उन्ही ब्राह्मण , पंडित पार्टियों को क्यों ना साथ दे ? नतीजा आज गैर ब्राह्मण मूवमेंट ख़त्म हो गयी , सभी चाटुकारिता कर रहे है , कुछ उन ब्राह्मण , पंडितवादी पार्टी के मंत्री , मुख मंत्री , प्रधान मंत्री जरूर बने पर फिर ब्राह्मण राज आगया। और जैसे की हम सब जानते है ब्राह्मण राज में लोकतंत्र , स्वतंत्र आवाज , न्याय की कोई अहमियत नहीं होती है , सब दबाया जाता है। यही आज हम देख रहे है।
हमने बड़े सोचकर नेटिविज़्म की खोज की है। यही एकमात्र आज विकल्प है जो ब्रह्मिणवाद। पंडितवाद , विदेशी ब्राह्मण राज ख़तम कर नेटिव रूल ला सकता है। हमें सभी कमजोर वाढ जो गांधीवाद , अम्बेडकरवाद , मार्क्सवाद को देखा है जो विदेशी ब्रह्मिणवाद के सामने कमजोर और नाकाम नजर आते है। नेटिविज़्म और नेटिव हिंदुत्व हमारी दोधारी तलवार जैसे विचार सारणी है जो ब्रह्मिनिस्म और ब्रह्मिनराज दोनों को सदा के लिए ख़त्म कर देगा।
हमें १००० नेटिविस्ट की जरुरत है , जो गैर ब्रह्मिनहि होंगे। हम ५ साल में आप को विदेशी ब्राह्मण भगाकर दिखाएंगे पर हमें समाज १००० नेटिविस्ट दे। हम कोई नेताजी जैसे खून नहीं मांग रहे है नाही , ब्रह्मिणवादी , पंडितवादी पार्टियों जैसा पैसा। हमारी ताकत नेटिविज़्म है , नेटिविस्ट है क्यों की हम है इस देश के मालिक।
नेटिविस्ट डी.डी.राउत
अध्यक्ष
नेटिव रूल मूवमेंट
लोग पंडितवादी कांग्रेस से तंग आगये थे , किसी गैर ब्राह्मण पार्टी को चाहते थे , बिच में बहुतसी गैर ब्राह्मण पार्टियों को वोट देकर गैर ब्राह्मण नेटिव लोगो ने उनको मजबूती भी दी थी। उस समय एक और ब्राह्मण पार्टी बीजेपी उभर रही थी जिसके नाम पर केवल २ सांसद थे जब वो जनसंघ नाम से जानी जाती थी। पंडित हटावो की मुहीम ताज हुवी , जनेऊ छोडो कहा गया, गैर ब्राह्मण पार्टिया बहुत सारे प्रदेशो में सत्ता में आये पर फिर विदेशी ब्राह्मण प्रेम ने उन्हें डुबो दिया। ये गैर ब्राह्मण पार्टिया फिर कांग्रेस , बीजेपी से गठबंधन करने लगी , बीजेपी ने इसका फायदा उठाया गैर ब्राह्मण लीडर्स , कार्यकर्तवो को ब्राह्मण बेटिया देकर फुसलाने लगे , बीजेपी ताकतवर हुवी , गैर ब्राह्मण पार्टिया कमजोर होती चली गयी। वोटर जो गैर ब्राह्मण थे सोचने लगे जब ये लोग बाद में ब्राह्मण ,पंडित से हाथ मिलते ही है तो सीधे सीधे उन्ही ब्राह्मण , पंडित पार्टियों को क्यों ना साथ दे ? नतीजा आज गैर ब्राह्मण मूवमेंट ख़त्म हो गयी , सभी चाटुकारिता कर रहे है , कुछ उन ब्राह्मण , पंडितवादी पार्टी के मंत्री , मुख मंत्री , प्रधान मंत्री जरूर बने पर फिर ब्राह्मण राज आगया। और जैसे की हम सब जानते है ब्राह्मण राज में लोकतंत्र , स्वतंत्र आवाज , न्याय की कोई अहमियत नहीं होती है , सब दबाया जाता है। यही आज हम देख रहे है।
हमने बड़े सोचकर नेटिविज़्म की खोज की है। यही एकमात्र आज विकल्प है जो ब्रह्मिणवाद। पंडितवाद , विदेशी ब्राह्मण राज ख़तम कर नेटिव रूल ला सकता है। हमें सभी कमजोर वाढ जो गांधीवाद , अम्बेडकरवाद , मार्क्सवाद को देखा है जो विदेशी ब्रह्मिणवाद के सामने कमजोर और नाकाम नजर आते है। नेटिविज़्म और नेटिव हिंदुत्व हमारी दोधारी तलवार जैसे विचार सारणी है जो ब्रह्मिनिस्म और ब्रह्मिनराज दोनों को सदा के लिए ख़त्म कर देगा।
हमें १००० नेटिविस्ट की जरुरत है , जो गैर ब्रह्मिनहि होंगे। हम ५ साल में आप को विदेशी ब्राह्मण भगाकर दिखाएंगे पर हमें समाज १००० नेटिविस्ट दे। हम कोई नेताजी जैसे खून नहीं मांग रहे है नाही , ब्रह्मिणवादी , पंडितवादी पार्टियों जैसा पैसा। हमारी ताकत नेटिविज़्म है , नेटिविस्ट है क्यों की हम है इस देश के मालिक।
नेटिविस्ट डी.डी.राउत
अध्यक्ष
नेटिव रूल मूवमेंट
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