Brahmin Bhagavo , Desh Bachavo ! Nativist DD Raut
अब केवल एक ही काम : विदेशी ब्राह्मण भगवो , नेटिव रूल लावो ! अगर हिंदवे, हिण्डो जैसे सब्द एसवी सन १५०० पूर्व भी हमारे लिए कहे जाते थे और ईरानी , ब्राह्मण हमें काले , चोर , नीच , शूद्र कहते थे तो वो उनकी हमारे लिए जलन मानी जानी चाहिए क्यों की अक्सर गधे लोग , असभ्य लोग जैसे की इतिहास में यूरेसियन ब्राह्मण जाने जाते है और सिंधु संस्कृति के सामने पर्शियन , ईरानी संस्कृति भी बच्चा ही थी , वे हम हिन्दू को कोई गाली देकर नीच , काले , चोर , शूद्र भी कहते है तब भी वह हमारे लिए हम विश्व में बड़े होने की बात ही जाहिर करती है , हिंदवे , हिण्डो , हिन्दू यह बहुतही पुरातन सब्द है इस में कोई शक नहीं और वो सिंधु हिन्दू सभ्यता माननेवाले , विक्सित करने वाले लोगो के लिए प्रयुक्त किया गया है , जहा वे लोग भी है , धर्म भी है और राष्ट्र भी। ऐसी सब्द से इंडो और आज इंडिया अर्थात हिंदुस्तान बना है। हमारा धर्म भी हिण्डो ही रहा है और आगम का मतलब केवल पुराना दर्शानेके के लिए ज्यादा सटीक लगता है धर्म का वो नाम नहीं लगता। धर्म का नाम हिन्दू जो लोग और देश दर्शाता है वही ज्यादा ठीक लगता है और हिन्दू के देवीदेवता में ज...