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Pavitra Bijak : Pragya Bodh : Chaachar : 1 : 24

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पवित्र  बीजक  : प्रग्या  बोध : चाचर  : 1 : 24 चाचर  : 1 :  24 इन्द्र  कृष्ण  द्वारे  खड़े , लोचन  ललचि  लजाय !  शब्द  अर्थ  :  इन्द्र  = विदेशी  यूरेशियन  वैदिक  ब्राह्मण  ! कृष्ण  = मुलभारतिय  हिन्दू !   द्वारे  खड़े  = माया  के  दास  ! लोचन  = नैन  , दृष्टी  ! ललची  = आशा  , तृष्णा , वासना  भरी  ! लजाय  = बिना  लाज  शर्म  किये  !  प्रग्या  बोध  :  परमात्मा  कबीर  चाचर  के  इस  पद  में कहते है  विदेशी  यूरेशियन  वैदिक  ब्राह्मणधर्मी  राजा  इन्द्र  और  अन्य  अपने  लंपट  वृत्ती  और  लालचीपन  के  लिये  प्रसिद्ध  है  वैसे  ही  स्वदेशी  नागवंशी   कृष्ण  भी  अनेक  स्त्री की  इच्छा के  लिये  जाना ...

Pavitra Bijak : Pragya Bodh : Vipramatisi : 26

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पवित्र बीजक : प्रग्या बोध : विप्रमतीसी : 26 विप्रमतीसी : 26 राक्षस करनी देव कहावै , बाद करे गोपाल न भावै !  शब्द अर्थ :  राक्षस = शैतान , द्रुस्ट , हत्यारा ! करनी = कार्य ! कहावै = जाने जाते ! बाद = विवाद , वादविवाद ! गोपाल = गाय की रक्षा और पालन करने वाले मुलभारतिय ! न भावै = पसंद न करना !  प्रग्या बोध :  परमात्मा कबीर इस विप्रमतीसी के दोहे मे विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्मी लोगोंके होम हवन मे गाय बैल घोडे की बली की आलोचना करते हुवे ब्राह्मण को दृष्ट राक्षस शैतान कहाते है क्यू की वे हत्यारे है रक्षक नही ! वे कृपालू नही है , शोषण करते है और खुद को उपर से देव कहते है ? ब्राह्मण हत्या के शिवाय क्या देते है ? दुख दर्द देते है वे देव नही कहे जा सकते है , वो तो लूटेरे है , हत्यारे है !  कबीर साहेब मुलभारतिय हिन्दूधर्म और विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म अलग अलग है बताते है और मुलभारतिय हिन्दूधर्म अहिंसा , गो रक्षा , गो सेव...

Pavitra Bijak : Pragya Bodh : Vipramatisi : 23

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पवित्र बीजक : प्रग्या बोध : विप्रमतीसी : 23 विप्रमतीसी : 23 एैके मटिया एक कुम्हारा , एक सबन का सिरजनहारा !  शब्द अर्थ :  एैके मटिया = एक पृथ्वी , एक धरती ! एक कुम्हारा = एक निर्माता ! एक सबन = सब का एक ! सिरजनहार = मालिक , परमात्मा , चेतन राम !  प्रग्या बोध :  परमात्मा कबीर इस विप्रमतीसी मे बताते है की इस संसार का निर्माता एक परमात्मा तत्व चेतन राम है , दो य़ा अनेक भगवान नही ! वह निराकार निर्गुण अविनाशी तत्व चेतन राम है जो सार्वभौंम सत्य शिव सुन्दर है वो चेतन तत्व हम सब मे है और हम सब उसी मे है !  कबीर साहेब उसे कुम्हार ,सिरजनहारा भी कहते है और केवल एकमात्र है बताते हुवे कहते है उस परमात्मा ने कोई वर्णवाद जातीवाद ऊचनीच भेदाभेद अस्पृष्यता छुवाछुत नही बनाई ना ऐसा कोई धर्म , धर्मग्रंथ परमात्मा ने बनाया ! ये विषमता , शोषण भेदाभीद ,वर्ण जाती वेवस्था विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मण धर्मी पांडे पूजारी भट ब्रहमान की काली करतुत है ...

Nativist ! Poem

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#Nativist ! And at last  I am finished  Before the line  Of winning ! But that was  Not the end  Indeed not  Last stop ! And I saw  A signal go-ahead  Green as God Awaitng me ! Calling and  Cheering me  Bravo a warrior  You Nativist ! #DDR

Brahmin Bhagavo , Desh Bachavo ! Nativist DD Raut

अब केवल एक ही काम : विदेशी ब्राह्मण भगवो , नेटिव रूल लावो ! अगर हिंदवे, हिण्डो जैसे सब्द एसवी सन १५०० पूर्व भी हमारे लिए कहे जाते थे और ईरानी , ब्राह्मण हमें काले , चोर , नीच , शूद्र कहते थे तो वो उनकी हमारे लिए जलन मानी जानी चाहिए क्यों की अक्सर गधे लोग , असभ्य लोग जैसे की इतिहास में यूरेसियन ब्राह्मण जाने जाते है और सिंधु संस्कृति के सामने पर्शियन , ईरानी संस्कृति भी बच्चा ही थी , वे हम हिन्दू को कोई गाली देकर नीच , काले , चोर , शूद्र भी कहते है तब भी वह हमारे लिए हम विश्व में बड़े होने की बात ही जाहिर करती है , हिंदवे , हिण्डो , हिन्दू यह बहुतही पुरातन सब्द है इस में कोई शक नहीं और वो सिंधु हिन्दू सभ्यता माननेवाले , विक्सित करने वाले लोगो के लिए प्रयुक्त किया गया है , जहा वे लोग भी है , धर्म भी है और राष्ट्र भी। ऐसी सब्द से इंडो और आज इंडिया अर्थात हिंदुस्तान बना है। हमारा धर्म भी हिण्डो ही रहा है और आगम का मतलब केवल पुराना दर्शानेके के लिए ज्यादा सटीक लगता है धर्म का वो नाम नहीं लगता। धर्म का नाम हिन्दू जो लोग और देश दर्शाता है वही ज्यादा ठीक लगता है और हिन्दू के देवीदेवता में ज...

Poem : Vishw Native Day

९ अगस्त , २०१८ , विश्व नेटिव दिवस जलावोगे तो राख बनूँगा दफनावोगे तो खाक बनूँगा फेंकोगे गर कूड़े में मुझे तो नेटिविसम की खाद बनूँगा ! चाहे राख बनु या खाक बनु उपजावु आग होगी मेरी अंगारो पे चला जला हूँ मैं फीनिक्स सी उडान है मेरी। नेटिविज़्म की ज्योत है ये सूरज से भी तेज आभा होगी जहा ना रवि, कवी पुहचेगा वो हर दर, मेरा दर होगा। अलख जगाई नेटिविज़्म की मैं मिटूंगा पर नहीं मिटेगा ये विश्व में जहा मानव होगा मै नेटिव अब ये नारा होगा। नेटिविस्ट राउत का जन्मदिन नेटिविस्ट दिवस माना जाएगा ९ अगस्त से २४ अगस्त अब विश्व नेटिविज़्म पखवारा होगा। #जनसेनानी #Jansenani कल्याण ९ अगस्त , २०१८ , #विश्व_नेटिव_दिवस

Caste based Politics is useless ! Nativist DD Raut

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चळवळीचा गंध नसलेल्या जातीय पार्ट्या : देशात आज जवळ जवळ २०००-२२२५ राजकीय पार्ट्या असून त्या पैकी जवळ जवळ ४५० पक्ष सक्रिय आहेत व लोकसभा ची निवळणूक लढवीत आहेत यता पैकी ४५- ५० पक्ष निवळणूक जिंकून लोक सभेत जाऊ सहली त्या मध्ये राजकीय विचार असलेले पक्ष थोडेच आहेत तर बरेच पक्ष काँग्रेस मधून बाहेर पडलेले व काही मार्क्सवादी , समाजवादी व ब्राह्मीनवादी पक्ष आहेत . बरेच पक्ष एक जातीय आहेत म्हणजे ज्याचा आधार त्या पक्षाला स्थापन करणारे लोक फक्त तेव्हळे असे आहे . आंबेडकरी पक्ष जरी मोठ्या प्रमाणात  असले तरी ते एका विशिष्ट जातीचे असलेले दिसतात , काही पक्ष भाषा चा आग्रह कारणात दिसतात मात्र वैश्विक विचार जसे मार्क्सवाद , नेटीव्हीसम असा व्यापक विचार सारणी असलेले पक्ष दिसत नाही . काही पक्ष जातीचे अससोसिएशन अस्या स्वरूपाचे दिसतात तर काही गांधीवादी , लोहियावादी , आंबेडकरवादी असे नाव  संगीत  असले  तरी त्या पक्ष कार्यकर्त्यांना त्या विचार सारणी बद्धल फारसे माहीत नसते व थोडक्यात तो विचार काय आहे ते सुद्धा नीट सांगत येत नाही . आंबेडकर वाद आणि गांधीवाद हे या देशातील व्यक्ती वाद म्हणून त्यां...